अपने टाइटैनिक जहाज(Titanic Ship) पर बनी कई फिल्मे देखी होगी, बहुत ही उम्दा दृश्यों से फिल्मकारों ने उस जहाज के लोगो और उनके डूबने का दर्द दिखाया है। सिर्फ कुछ लाहपरवाही के कारण वो जहाज डूब गया और अब तक की समुंद्री आपदाओ के पन्नो में अपना नाम लिखवा गया। आईये जानते है उस जहाज के जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
यह जहाज 1912 के दौर में, RMS Titanic विश्व का सबसे बड़ा जहाज, जब पहली बार पानी में उतरा था तब उसकी लम्बाई 269 मीटर थी। टाइटैनिक जहाज का नाम ग्रीक माइथोलॉजी के कारण पढ़ा क्योकि गीक का वर्ड है गिगैंटिक जिसका अर्थ है विशाल। वाइट स्टार लेन कंपनी ने इस जहाज का निर्माण बेलफ़ास्ट, आयरलैंड के हॉलैंड ओर वोल्फ शिपयार्ड में किया था। इसको बनाने का काम 31 मार्च 1909 को तीन हज़ार लोगो की टीम ने शुरू किया और इसका शुभारंभ 31 मई 1911 को 12 बजकर 15 मिनट पर Lord Pirrie, J.Pierpont Morgan, J.Bruce Ismay की उपस्थिति में किया गया था।
टाइटैनिक की सजावट और चिमनी लगाने का कार्य 1912 तक चला और यही साल इसका अंत हुआ। 1912 में, पहली बार टाइटैनिक जहाज(Titanic Ship) को बेलफ़ास्ट में लगन नदी के पानी में उतारा गया। जहाज को नदी में उतरने के लिए 22 टन साबुन और चिकनाई वाले पदार्थ फैलाये गए ताकि आसानी से पानी में उतारा जा सके।
10 अप्रैल 1912, Titanic Ship को न्यूयॉर्क के लिए इसे रवाना किया गया और जहाज के मालिक जे .ब्रूस इस्मे ने जहाज के कप्तान एडवर्ड स्मिथ को जहाज को अत्यधिक गति से चलाने के लिए आदेश दिया था। टाइटैनिक के डूबने का मुख्य कारण तेज़ गति से चलना था। जहाज रवाना होने के चार दिन सब ठीक रहा पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। 14 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक को 6 बर्फ की चटानो से टकराने की चेतावनिया मिली थी। कप्तान को लगा कि बर्फ की चटान आने से पहले जहाज मुड जाएगा परन्तु बद्किस्मती यह कि जहाज बहुत बड़ा था और राडार छोटा था। बर्फ की चटान आने पर वह अधिक गति के कारण समय पर नहीं मुड पाया और चटान से जा टकराया। जिस कारण जहाज के आगे के हिस्सो में छेद हो गए और (11:40 p.m) वो डूबने लगा। जहाज के टकराते ही दर्दनाक खौफ का माहौल बन गया, सब डरने लगे, इधर उधर भागने लगे।
उस दौरान, संकट के समय पर कुछ समजदार लोग सामने आये और उन्होंने लोगो का धैर्य बंड़वाया। म्यूजिशियन लगातार म्यूजिक बजाकर लोगो का हौसला बढ़ाते गए और सब औरतो और बच्चों को लाइफ़बोटस क़ी मदद से सुरक्षित स्थान पर ले जाना शुरू किया गया। तक़रीबन (2:20 a.m) पर वो पूरा समुन्द्र में समां गया। टाइटैनिक जिस पानी में डूबा उसका तापमान -दो सेल्सियस था जिस कारण १५ मिनट बाद ही सब मारे गए और इस दुर्घटना में केवल 306 लोगो क़ी ही लाशें मिल पायी
जब Titanic Ship डूब रहा था तब 1,178 लोगों के लिए 20 जीवनरक्षक नौका थी। पुरुषो के मृत्यु ज्यादा थी क्योकि महिलाओं और बच्चों को पहले बचाया जा रहा था।