अब हमें जीना पड़ेगा कोरोना वायरस के साथ । Life with Corona Virus

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अब हमें जीना पड़ेगा कोरोना वायरस के साथ । Life with Corona Virus

पूरी दुनिया में अब तक 56,85,938 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके है और 3,52,227 लोगो की मौत हो चुकी है। ये वायरस पूरी दुनिया में तेज़ी से फ़ैल रहा है और ये वायरस अब ज़िंदगी से आसानी से जाने वाला नहीं है। ये अनचाहा मेहमान अब लम्बे समय तक हमारे साथ ही रहने वाला है और इसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए। इस बात पर WHO ने भी अपनी मुहर लगा दी है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन(WHO) ने ये आशंका जताई है की ये वायरस पूरी तह से जाने वाला नहीं है। हो सकता है की ये Corona Virus हमेशा ही हमारे साथ रहे। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसकी तुलना HIV से करते हुए कहा है की इंसानो को HIV की तरह इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। अब लोगो को सावधानी बरतनी होगी और वैक्सीन मिल जाने के बाद भी आगे का रास्ता इतना आसान नहीं होगा। सब लोगो तक इस वैक्सीन को पहचान अभी मुश्किल काम होगा। अगर कोरोना वायरस के साथ ही जीना होगा तो हम आगे की तैयारी कैसे कर सके है।

लॉकडाउन शुरू होने पर हम सबने ये सोचा था की ये वायरस महीने दो महीने में ख़तम हो जायेगा और सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जायेगा। लेकन मानसिक तौर पर हमें तैयार रहना होगा की सब कुछ बदल गया है और अब पहले जैसा अब कैसा कुछ नहीं रहेगा। अब अगर कोरोना वायरस लम्बे समय तक समांतक रहेगा तो हम कैसे खुद को तैयार कर सकते है। और किन पहलुओ पर हमें ध्यान देना होगा वो समझते है। ये वायरस दुनिया में लम्बे समय तक रहेगा। मरीज़ो का इलाज़ अलग अलग तरीके से किया जा रहा है। अभी तक इसका कोई इलाज़ नहीं है। इस दुनिया में लाखो लोग ऐसे है जो इस वायरस से संक्रमित है और उनको कोई भी लक्षण नहीं है और उनको तक को नहीं पता कि वे इस वायरस से संक्रमित है। ऐसे लोगो को A सिम्पटम्स कहा जाता है और ऐसा भी हो सकता है कि इस तरह के मरीज़ हमारे आस पास घूम रहे हो।

इस वायरस से जो संक्रमित हो चुके है उनमे से काम से काम ३% लोगो कि जान को खतरा है लेकिन अलग अलग देशों में स्तिथि अलग अलग है अगर हम बेल्जियम कि बात करे तो वहां इस वायरस से मरने वालो कि संख्या बेल्जियम 16% है, अमेरिका में लगभग 6% है और भारत में 3 से 4 % है। जबकि गंभीर रूप से बीमारों कि बात कि जाये तो अमेरिका में ये संख्या बहुत अधिक है जबकि भारत में ये स्तिथि धीरे धीरे सुधरती जा रही है।

कोरोना वायरस कि वैक्सीन का इंतज़ार अभी बहुत लम्बा है। दुनिया भर में करीब 100 से ज्यादा रिसर्च ग्रुप इसकी वैक्सीन ढूंढ़ने में जुटे हुए है। लेकिन वैक्सीन तैयार होने में १२ से १८ महीने तक का समय लग सकता है और वैक्सीन बनाने के बाद भी जब इसको डिस्ट्रीब्यूट किया जायेगा तो उसमे भी लगभग साल का समय लग जाए ये सफर बहुत ही लम्बा रहने वाला है अगर आपको वैक्सीन मिल भी गयी है तो लगभग सबकुछ नार्मल होने में २ से ३ साल का समय लग जायेगा।

कोरोना वायरस ने बदल दिया है सामाजिक नियम

जब कोरोना वायरस एक लम्बे समय तक हमारे साथ रहेतो समझ लीजिये कि इसका समाज देश दुनिया पर क्या असर पढ़ेगा। कोरोना वायरस कि शुरुवात के साथ ही हमने एक शब्द सबसे ज्यादा सुना सामाजिक दूरी। हाथ मिलाने और आमने सामने बैठ कर बात करने कि परंपरा ख़तम हो जाएगी अब आप दोस्तों के साथ पार्टीज प्नहीं जा पाएंगे फॅमिली डिनर पर नहीं जा पाएंगे ,शादी समारोह में भी अब ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो पाएंगे शादी ब्याहो के तरीके भी हमेशा के लिए बदल जायेंगे। लोगो को भविष्य की चिंता छोड़नी होगी जो आपके बस में है उसी में ही संतुष्ट रहना पढ़ेगा। लोगो की भविष्य की योजना बनानी बंद हो जाएगा । क्युकी जब वर्तमान ही हमारे बस में नहीं है तो भविष्य की चिंता क्या करनी। कोरोना वायरस ने बता दिया है किदुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं जब वर्तमान लको ले कर ही कुछ नहीं कहा जा सकता तो भविष्य के बारे में कोई शर्त कैसे लगायी जा सकती है। हमारे जीवन में बहुत सी बाते गैर जरूरी हो जाएँगी जैसे शॉपिंग मॉल जाना रेस्टॉरेंट में जा कर डिनर करना, सिनेमा हॉल्स में जा कर मूवीज देखना। पैसा सुखद जीवन के लिए आवश्यक माना जाता है मगर अब लोगो के लिए स्वास्थय ही लोगो कि पहली प्राथमिकता बन जायेगा। अब जिसके पास अच्छा स्वास्थय है वही सबसे ज्यादा अमीर माना जायेगा।

स्वास्थ्य के आलावा अब ईमानदारी भी बहुत जरूरी हो जाएगी। चाहे वो वर्क फ्रॉम होम हो या ऑनलाइन परीक्षा हो। क्युकी अब कोई बॉस अपने स्टाफ को CCTV से नहीं देख रहा होगा। अब आप जिस रेस्टॉरेंट से खाना डिलीवर करवाते है उसको आपका भरोसा जीतना होगा।।

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सबसे ज्यादा बुरा क्या देखने को मिलेगा

अब आपको कोई भी इंसान कहीं पर अस्वस्थ या जरूरत मंद दिखेगा तो आप उसके पास जाने से भी घबराएंगे। पहले क्या होता था अगर कोई अस्वस्थ महसूस कर रहा है उसकी मदद करने कई लोग आ जाते थे मगर अब कोई मर भी रहा होगा तो कोई उसको पानी भी नहीं पूछेगा.

पहले माना जाता था कि आप किसी कि ख़ुशी में शामिल हो न हो मगर किसी कि मृत्यु पर जरूर जाते थे मगर कोरोना ने मरने का नियम भी बदल दिया है अब कोरोना से मरने वाले के घर के लोग भी उसके अंतिम दर्शन में नहीं जाते। और तो और अगर अब कोई इंसान किसी भी कारन वश मृत्यु हो जाती है तो उसकी अंतिम क्रिया में आने में भी अब लोग सोचेंगे.

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