आइये जानते है ऋषि कपूर जी के बारे में खुल्लम खुल्ला

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Rishi Kapoor biography

Rishi Kapoor आज हम बात करने जा रहे है चिंटूजी उर्फ़ ऋषि कपूर जी की जो 4 सितम्बर 1952 में जन्मे इनके दादाजी है अभिनेता पृथ्वी राज कपूर और पिता है शोमेन राज कपूर। दक्षिण मुंबई में जन्मे कपूर फिल्म निर्देशक और अभिनेता राज कपूर के दूसरे बेटे हैं। उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई अपने भाइयों के साथ मुंबई के कैंपियन स्कूल में की। उनके भाई प्रसिद्ध अभिनेता, रणधीर कपूर और राजीव कपूर हैं। ये किस्सा भी मशहूरर है की ऋषि जी का नाम चिंटू कैसे पड़ा। बात उन दिनों की है जब ऋषि जी और उनके भाई रणधीर जी ने स्कूल जाना शुरू किया था तब एक पहेली उनके सामने आयी “छोटे से चिंटू मिया लम्बी सी पूछ जहाँ जाये चिंटू मिया वहां जाये पूंछ जिसका मतलब था सुई धागा। बस इसके बाद से रणधीर जी की जुबान पर ये नाम ऐसा चढ़ा की उन्होंने उनका ने उनका नाम चिंटू ही रख दिया। लिहाजा बड़े होने पर चिंटू जी ने ये फैसला कर लिया की मैं अपने बच्चो का कोई निक नाम नहीं रखूँगा।

कई लोग ये समझते है की ऋषि कपूर सबसे पहले मेरा नाम जोकर में नज़र आए थे। अगर वक़्त के पन्नो को थोड़ा पलटा जाये तो श्री कपूर साहब इससे पहले राज कपूर साहब की फिल्म श्री ४२० के एक गीत में अपने दोने भाइयो के साथ नज़र आए थे। एक किस्सा भी मशहूर है जब राज कपूर को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए एक नौजवान जोकर की तलाश थी तब उन्होंने अपनी पत्नी कृष्णा देवी से नन्हे जोकर के तौर पर ऋषि कपूर जी को लेने की बात कही थी तब ऋषि कपूर जी ने ये बात सुनते ही अपने ऑटोग्राफ की प्रेक्टिस शुरू कर दी थी। जैसे की जानते हो की मेरा नाम जोकर के बाद ये बहुत ही मशहूर हो जायेंगे। ऋषि कपूर खानदान के ऐसे अभिनेता है जिन्होंने अपने पिता राज कपूर, भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर के डायरेक्शन में बनी फिल्मो में काम किया। मेरा नाम जोकर में ऋषि कपूर को बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवार्ड दिया गया था। तब ऋषि कपूर जी ने कहा की ये वह दौर था जब वो 15 साल के थे और बच्चें नहीं थे फिर भी उन्हें चाइल्ड आर्टिस्ट का अवार्ड मिला तो बहुत ख़ुशी हुई। ऋषि कपूर बचपन से ही एक्टर बनाना चाहते थे। चिंटू जी बचपन से ही घंटो आईने के सामने खड़े रहते कभी हस्ते कभी रोते ये देखते की हॅसते और रोते समय उनके चहरे पर भाव कैसे आते है तभी सब ये समझ गए थे की ये बड़ा हो कर एक्टर ही बनेगा।

मेरा नाम जोकर बॉक्स ऑफिस पर वो कमाल न दिखा पायी जिसकी राज साहब को उम्मीद थी इस बात ने उनको अंदर तक मायूस कर दिया था उनका दिल टूट चूका था तब राज कपूर ने निर्णय किया और अपने लेखक के.अब्बास और वी.पी.साहे को कहा हमें एक जबरदस्त फिल्मं बनानी होगी। मेरा नाम जोकर का जो पहला हिस्सा है उसी पे एक कहानी लिखो और उस फिल्म का हीरो होगा ऋषि। डिंपल कपाडिया और ऋषि कपूर की जोड़ी ने परदे पर वो रंग दिखाया जिसका किसी को अंदाज़ा भी नहीं था। ये टीनएज लव स्टोरी क्या कमाल करने वाली है किसी ने सोचा भी नहीं था। 1973 की लोकप्रिय फिल्म बॉबी में ऋषि कपूर की डिंपल कपाड़िया के साथ उनकी पहली मुख्य भूमिका थी जो युवाओं के बीच एक हिट बन गई। एक बात ऋषि जी में और भी अनोखी है की उनकी मिमिक करना बहुत ही मुश्किल है हर बढे एक्टर की एक्टिंग की जा सकती है मगर ऋषि कपूर ऐसे ओरिजिनल एक्टर है उनकी नक़ल उतारना नामुमकिन है। फिल्म बॉबी में उनकी गानों की आवाज़ दी थी शैलेंदर ने उसके बाद किशोर कुमार जी एंड रफ़ी साब ने भी उनकी फिल्मो में गाने गए।

वैसे तो कई हीरोइन के साथ Rishi Kapoor जी की जोड़ी खूब जमी मगर नीतू सिंह जी के साथ बात ही अलग थी। ये दोनों जब भी सिल्वर स्क्रीन पर नज़र आते तो साफ़ लगता की ये दोनों एक दूसरे के लिए ही बने है दोनों एक दुसरे को पसंद करने लगे और जब इनका प्रेम सम्बन्ध परवान चढ़ रहा था तो ऋषि साब ने नीतू जी को शादी के लिए प्रोपोज़ किया। और दोनों की शादी संपन्न हुई। नीतू सिंहु उन दिनों कई बढे निर्देशकों के साथ काम कर रही थी शादी की वजह से उन्होंने सब फिल्मो के साइनिंग अमाउंट वापस किया और धीरे धीरे फिल्मो से किनारा कर लिया। ऋषि कपूर और नीतू सिंह के दो बच्चे हुए रणधीर कपूर और रिद्धिमा कपूर। रिद्धिमा कपूर की शादी हो चुकी है अब वो अपने फैशन डिजाइनिंग बिज़नेस में व्यस्त रहती है। ऋषि कपूर के साथ कई नै अभिनेत्रियों ने काम किया चाहे वो डिंपल कपाडिया हो चाहे दिव्या भारती।

उन्होंने कई फ़िल्में दी: बॉबी, लैला मजनू, रफू चक्कर, सरगम, करज़, प्रेम रोग, नगीना, हनीमून, बंजारन, हीना और बोल राधा बोल। उन्हें 1977-1994 तक बड़े कलाकारों के साथ फिल्मों में नायकों का नेतृत्व करने के लिए छोटे भाई की भूमिका की पेशकश की गई थी। ऋषि कपूर ने 1976-2000 तक बड़े कलाकारों के साथ 41 फ़िल्में की, जहाँ ऋषि को 2 या 3 में मुख्य नायक के रूप में कास्ट किया गया। ऋषि कपूर जी के साथ कम से कम 20 से ज्यादा अभिनेत्रियों ने अपने करियर की शुरुवात की। ऋषि कपूर जी द्वारा पहने गए स्वेटर बहुत पसंद किये जाते थे और उस ज़माने में इनके द्वारा पहने गए स्वेटरों की डिमांड बहुत थी। साल 1999 में उन्होंने निर्देशन का फैसला लिया उन्होंने साल 1999 में “आ अब लौट चले” बनायीं। जिसमे ऐश्वर्या राय और अक्षय खन्ना ने मुख्या भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मो में चरित्र अभिनेता का किरदार निभाया जैसे “हम तुम”, “फना”, “अग्निपथ”। फिर नीतू सिंह जी के साथ के बैक किया “दो दूनी चार” में। ऋषि कपूर जी ने इंग्लिश फिल्म में भी काम किया है जिसका नाम है “डोंट स्टॉप ड्रीमिंग” जिसको शम्मी कपूर जी के बेटे आदित्य राज कपूर ने निर्देशित किया।

ऋषि कपूर ऐसे अभिनेता है जिन्होंने भारतीय फिल्मो का इतिहास बदलते देखा है हर एक रूल बदलते देखा है चाहे वो चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवार्ड रहा हो चाहे उनके डांस स्टेप्स रहे हो या उनके निभाए गए किरदार ऋषि कपूर साब का नाम बहुत अदब ऐसे लिया जायेगा। उनके जीवन पर एक किताब भी लिखी गयी है जिसका नाम है “खुल्लम खुल” जिसमे उनके जीवन के कई किससे के बारे में बताया गया है।

ऋषि कपूर पिछले कई वक्त से कैंसर से लड़ रहे थे. लगभग एक साल तक वह न्यूयॉर्क में इसका इलाज कराते रहे और उसके बाद जब वह भारत लौटे तो ऋषि कपूर के फैन्स को उस वक्त उम्मीद की किरण मिली थी। इस बारे में उनके बेटे रणबीर कपूर ने खुद जानकारी भी दी थी. फिल्मफेयर अवॉर्ड शो में रणबीर कपूर ने बताया था कि ऋषि कपूर इलाज के दौरान अमेरिका में रहते हुए सबसे ज्यादा किस चीज को याद करते हैं? वहां फिल्मों से दूर रहकर कैसा महसूस करते हैं? लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद उनके फिर से तबीयत बिगड़ने की खबर आ गयी तो फैन्स किसी दुखद घटना की आशंका को लेकर पहले ही डरे हुए थे।

कपूर खानदान के चिराग ऋषि कपूर जी ने 67 वर्ष की उम्र में 30 अप्रैल को 8:45 मिनट पर दुनिया को अलविदा कह गए। मगर वो हमेशा हमारे दिलो में जिन्दा रहेंगे।

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